नवाब वाजीद अली शाह   वतन से बिछड़ने का दुख कभी न भुला
पाये । इसि विषय पर उनका रचित राग भैरवी में गीत "
बाबुल मोरा"
हुत मशहूर है । वे उर्दू में लिखते थे ।
इस गीत को पहली बार 1938 में हिन्दी फिल्म "स्ट्रीट सिंगर" में गायक-
अभिनेता कुन्दन लाल सैगल ने गाया था ।
गीत (राग भैरवी)

बाबुल मोरा, नैहर छूटो ही जाए
बाबुल मोरा, नैहर छूटो ही जाए
चार कहार मिल, मोरी डोलिया सजावें (उठायें)
मोरा अपना बेगाना छूटो जाए | बाबुल मोरा ...
आँगना तो पर्बत भयो और देहरी भयी बिदेश
जाए बाबुल घर आपनो मैं चली पीया के देश | बाबुल मोरा ...  
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मिलनसागर