गीत-संगीत -  राम सिंह ठाकुर

कदम कदम बढ़ाये जा
खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िन्दगी है कौम की
तु कौम पे लुटाये जा

तू शेर-ए-हिंद आगे बढ़
मरने से फिर भी तू न डर
उड़ाके दुशमनों का सर
जोश-ए-वतन बढ़ाये जा

कदम कदम बढ़ाये जा
खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िन्दगी है कौम की
तु कौम पे लुटाये जा

तेरी हिम्मत बढ़ते रहे
ख़ुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे अड़े
वो ख़ाक मे मिटाये जा

कदम कदम बढ़ाये जा
खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िन्दगी है कौम की
तु कौम पे लुटाये जा

चलो देहली पुकारके
कौमी निशान सम्भालके
लालकीले पे गाढ़के
लहराये जा लहराये जा

कदम कदम बढ़ाये जा
खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िन्दगी है कौम की
तु कौम पे लुटाये जा

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मिलनसागर
आज़ाद हिंद फौज के गीत
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1)      कदम कदम बढ़ाये जा       
2)      
हम देहली देहली जायेंगे  
3)      
सुभाषजी सुभाषजी     
4)      
उठो सोये भारत के   
5)      
जय हो महादेश हमारा      
6)      
आज़ाद हिंद सेना ने जब (फौज के कव्वाली)                  
7)      
हे वीर बालक हो (बालसेना के लिये गोर्खाली भाषा में)
8)      
हिंद सिपाही, हिंद सिपाही           
9)      
क़ौमी तिरंगे झंडे      
10)     
नेताजी हमारे  हँसते हँसते जीना   
11)     
हम भारत की बेटी है    
12)     
शुभ सुख चैन की बरखा बरसे (कौमी तराना)

        
*
गीत - मुमताज हुसेन  
संगीत - राम सिंह ठाकुर

हम देहली देहली जायेंगे
हम अपनी हिंद बनायेंगे
अब फौजी बनके रहना है
दुःख-दर्द-मुसिबर सहना है
सुभाष का कहना कहना है
चलो देहली चलके रहना है

हम देहली देहली जायेंगे
हम अपनी हिंद बनायेंगे
हम गोलि खाके झुमेंगे
हम मौत को बड़के चुमेंगे
मतवाली बन आज़ादी के
हम दरिया जंगल घुमेंगे

हम देहली देहली जायेंगे
हम अपनी हिंद बनायेंगे
सुभाष हमारा हावी है
और रासबिहारी साथी है
फिर कैसा खतरा बाकि है
ख़ुदा हमारा साथी है

हम देहली देहली जायेंगे
हम अपनी हिंद बनायेंगे
हम फौजी बनके जायेंगे
हम देहली तख़्त सजायेंगे
ज़ालिम फिरंगी क़ौम का
हम नाम-निशान मिटायेंगे

हम देहली देहली जायेंगे
हम अपनी हिंद बनायेंगे


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मिलनसागर
*
गीत- मुमताज हुसेन  
संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर

सुभाषजी सुभाषजी
व जान-ए-हिंद आ गये
है नाज़ जिस पे हिंद को
व शान-ए-हिंद आ गये

सुभाष जान-ए-हिंद है
सुभाष मान-ए-हिंद है
सुभाष आन-ए-हिंद है
सुभाष शान-ए-हिंद है

गलि गलि कलि कलि
ये अंदलिब चह चलि
गलि गलि गलि गलि
ये
आम हलके बारिदि

तुफान-ए-हिंद लायेंगे
व शान-ए-हिंद लायेंगे
फिरंगीओं के क़ौम पर
व कहर बनके छायेंगे

खुशि का दौड़ आ गया
निषाद  बनके छा गया
व एशिया का आफताब
व एशिया में आ गया

सुभाषजी सुभाषजी
व जान-ए-हिंद आ गये
है नाज़ जिस पे हिंद को
व शान-ए-हिंद आ गये


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मिलनसागर
*
गीत- जी. एस. धिल्लों  
संगीत -  राम सिंह ठाकुर

उठो सोये भारत के
नसीबों को जगा दो
आज़ादी यूँ लेते हैं जमा
लेके दिखा दो

खुंखार बनो शेर मेरे
हिंद सिपाही
दुशमन के सफ़े तोड़ दो
एक तहलका मचा दो

आ हिंद के बदले में
उदु  चीज ही क्या है
(अ)गर रास्ते मे हो भाइ
उसे पार गिरा दो
पार गिरा दो

मिनार-ए-कुतूब देखता है
राह तुम्हारी
चलो उसकी बुलंदी को
तिरंगे से सजा दो

कर याद शहीदों का लहू
देश की खातिर
एक टोनि भी दुशमनों के
हजारों से लड़ा दो

क्यों लालकीला यूँ रहे
दुशमनो के हवाले
हर लसकर-ए-हिंद की
वहाँ धूम मचा दो

हो भुख हो तकलिफ
रुकावट हो थकावट
फा जख्म-ए-गिरा  मौत
को भी हँसके दिखा दो

और कोइ ख्वाइश है न
तमन्ना मेरे दिल में
आज़ाद वतन हिंद में
जय हिंद बुला दो

जय हिंद बुला दो

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मिलनसागर
*
गीत- फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रकाश सिंह
संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर

जय हो महादेश हमारा
भारत हो संसार प्यारा

इसके नस नस मे जीवन हो
ज़ररा जररा फुल चमन हो
घर घर सब आनन्द मगन हो
तुझमें चारो ओर अमन हो
हिंदु मुसलिम सिख इसाई
सबका हो केवल एक ही नारा

जय हो महादेश हमारा
भारत हो संसार प्यारा

घर घर मौका धाम यहाँ हो
सबको ही आराम यहाँ हो
मिल्लत का सब काम यहाँ हो
गुरु रहीम और राम यहाँ हो – राम
भेद भाव फर्क भुल कर
मिल्लत का फिर चमकाये सितारा

जय हो महादेश हमारा
भारत हो संसार प्यारा

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मिलनसागर
*
आज़ाद हिंद फौज के कव्वाली

आजाद हिंद सेना ने जब
नेताजी का पैग़ाम लिया

जय हिंद का नारा गूँज उठा
हाथों में तिरंगा थाम लिया

भुखे भी लड़े प्यासे भी लड़े
और मौत से फिर भी न डरे

आगे ही आगे बड़ते गये
हटने का न पीछे नाम लिया
जय हिंद का नारा गूँज उठा
हाथों में तिरंगा थाम लिया

हिंदी आज़ादी जान गये
भाइ को भाइ पहचान गये

वतन के खातिर मरने को
जब हमनें ख़ुदा का नाम लिया
जय हिंद का नारा गूँज उठा
हाथों में तिरंगा थाम लिया

वह लाख हमारे दुशमन है
पर इसकी हमें परवाह ही नहीं

नेताजी के सहारे से
आजादी का दामन थाम लिया
नेताजी के मैखाने से
आजादी का हमने जाम लिया
जय हिंद का नारा गूँज उठा
हाथों में तिरंगा थाम लिया

जय हिंद भाइयों, कहो जय हिंद

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मिलनसागर
*
आज़ाद हिंद फौज के बालसेना के लिये गीत
गोर्खाली भाषा में

गीत-संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर (एक जापानी धुन पर)

हे वीर बालक हो
जाति लइ सुधार
अंही बड़ी हिम्मत गरी
बैरी लइ सिंहार
मौका देखी लाभ उठाइ
देश का करुँ उध्धार
रबइ हो रामारो
देश का करुँ उध्धार

हे वीर बालक हो
आवत हिम्मत ना हार

सबइ मिलिजुलि कर
जयहिंद पुकार
नेताजी जस्ताप हो
नाम बनि तैरा
उंहै हो नाम
माछा देश को कल्याण

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मिलनसागर
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गीत- सेकेंड लेफ्टिनेन्ट कल्याण सिंह हजरत
संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर

हिंद सिपाही, हिंद सिपाही
हिंद सिपाही, हिंद सिपाही

रखना है तुझे हिंद में
बुनियाद अमन की
सर पे तु निकल बाँध के
दस्तार-ए-कफन  की
निगराहे ईलाही

हिंद सिपाही, हिंद सिपाही
हिंद सिपाही, हिंद सिपाही

नारा-ए-इनक्लाब
लागातार उठा ले
सोता है तेरा वक्त
उसे अब तु जगा ले
न देख तबाही

हिंद सिपाही, हिंद सिपाही
हिंद सिपाही, हिंद सिपाही

आज़ाद बनके तोड़ दे
जंज़ीर-ए-ग़ुलामी
ताज़ीम से दे झुकके
तिरंगे को सलामी
है पर्चे में शाही

हिंद सिपाही, हिंद सिपाही
हिंद सिपाही, हिंद सिपाही

वह दिल ही नही
जिसमे न हो चाह वतन की
वह आँख नहीं
जो न तके राह वतन की
आज़ादी के राही

हिंद सिपाही, हिंद सिपाही
हिंद सिपाही, हिंद सिपाही

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मिलनसागर
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गीत- सेकेंड लेफ्टिनेन्ट मुस्ताक़ अहमद
संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर
( इस गीत को संशोधन करने के लिये हम  श्री पियूश अगरवाल
का आभारी हैं, जिनका पता -
पिलभीट, उत्तर प्रदेश, चलभाष -
9719998877,
ई-मेल -  pagr123@gmail.com )


कौमी तिरंगे झंडे, ऊंचे रहो जहाँ में..
हो तेरी सर बुलंदी, ज्यों चाँद आसमान में...
तू मान है हमारा, तू शान है हमारी...
तू जीत का निशाँ है, तू जान है हमारी..
आकाश और जमीं पर, हो तेरा बोल बाला...
झुक जाये तेरे आगे, हर तख्तो-ताज वाला...
हर कौम की नज़र में, तू अमन का निशाँ हो...
तू माइस-ए-मुशर्रत, सारा तेरा जहाँ हो...
कौमी तिरंगे झंडे, ऊंचे रहो जहाँ में..
हो तेरी सर बुलंदी, ज्यों चाँद आसमान में...

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मिलनसागर
*
गीत संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर

नेताजी के याद में इस गीत के साथ कप्तान राम सिंह ठाकुर
ने भायलिन बजाये थे। उंहोनें इस भायलिन के बारे मे
बताया कि – “
... य़े भायलिन नेताजी ने अपनी करकमलों से
उंहे भेंट की और भेंट करते समय कहा था कि – राम सिंह,
ये भायलिन भारतवर्ष मे भी बजेगा
”।


नेताजी हमारे
हँसते हँसते जीना
ज़ंज़ीर ग़ुलामी तुने तोड़ा
एशिया से नाता जोड़ा
प्रेम न टुटे तेरा

हँसते हँसते जीना
नेताजी हमारे

बिजली बनके घर में आया
बादल बन पूरब में छाया
प्रेम की बरखा
तुने बसाया
मिलके सभी ने गाया

क्या गाया ?

हँसते हँसते जीना
नेताजी हमारे

सूरज ऐसा चमका तेरा
कल था अंधेरा
आज सवेरा
अब ना रहेगा
मन का अंधेरा

हँसते हँसते जीना
नेताजी हमारे

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मिलनसागर
*
झाँसी राणी रेजिमेंट के लिये गीत
गीत- फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रकाश सिंह
संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर

हम भारत की बेटी है
अब उठा चुकी तलवार
हम मरने से नहीं डरती
नहीं पीछे पाव का धरती
आगे ही आगे बढ़ती
कस कमर हुइ तलवार

हम भारत की बेटी है
अब उठा चुकी तलवार

हम नये नहीं है लड़ाके
देखो इतिहास उठाके
हम भारत की बेटी है
हम छटराणी भारतकी
दिखला देंगी निज वार

हम भारत की बेटी है
अब उठा चुकी तलवार

जब कर कीरपाण उठाती
फिर काल रूप बन जाती
रुधीरों से प्यास बुझाती
खर राते की संसार

हम भारत की बेटी है
अब उठा चुकी तलवार

जब तक बाहों में बल है
धमनीयों में रक्त प्रबल है
दिल में नहीं पल हर कल है
बिन किये देश उद्धार

हम भारत की बेटी है
अब उठा चुकी तलवार

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मिलनसागर
*
कौमी तराना  
गीत- गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर की “जन मन गन” गीत
की हिंदी में अनुवाद - नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, अबीद हासान
और आज़ाद हिंद के उच्च अधिकारीयों,
संगीत -  कप्तान राम सिंह ठाकुर

शुभ सुख चैन की बरखा बरसे
भारत भाग्य है जागा
पंजाब सिंध गुजरात मराठा
द्रावीढ़ उतकल बंगा
चंचल सागर विंध्य हिमालय
नीला यमुना गंगा
तेरे नित्य गुण गाये
तुझसे जीवन पाये
सब जन पाये आशा
सुरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुहागा
जय हो जय हो जय हो
जय जय जय जय हो

सबके मन में प्रीत बसाये
तेरी नीति वाणी
हर सुब्हे के रहनेवाले
हर मजहब के प्राणी
सब भेद और फर्क मिटाके
सब गोद में  तेरी आके
गूँधैं प्रेम की माला
सुरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुहागा
जय हो जय हो जय हो
जय जय जय जय हो

भारत नाम सुहागा

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मिलनसागर
*
हमें खेद है कि इन गीतों को हमें सि.डि. सुन सुन कर लिखना पड़ा। क्योंकि हमें कोइ किताब नहीं मिला।
रेकॉर्डिं के खराबी के वजह से हम कुछ कुछ  शब्द ठिक से सुन नहीं पाये। उन शब्दों को हम लाल रं से
लिखा है। अगर आपको सहि शब्द मालुम हो तो हमे इस पता पर लिखिये। हम गलती सुधार लेंगे और इस
पेज पर आपका नाम भी उल्लेख करेंगे।
srimilansengupta@yahoo.co.in