लक्ष्मी पाल का कविता   
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कवयित्री लक्ष्मी पाल  पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली हैं। उन्होने भोपाल से 12वीं की शिक्षा पाप्त
करने के बाद हरिद्वार के हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से 2006 में बी.काम पास किया।

13 जून 2010 उत्तराखण्डी (गढ़वाली) ऐलबम "तेरी आँख्युं देखी" रिलिज़ हुई है।
जिसमें लक्ष्मीजी मुख्य गायीका हैं।
  भिडिओ के झलकें देखिये  

युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाली लक्ष्मीजी कवितायें, कहानियाँ तथा गीत लिखने की शौकीन हैं।
वह गढ़वाली भाषा में भी लिखती हैं। उनके पिता एक बहुत ही प्रतिभावान व्यक्ति थे। बाँसुरी, हारमोनियम,
तबला, सितार, डपली जैसे और भी विभिन्न वाद्ययंत्र बजाने में माहिर थे। जाहिर है कि ऐसे पिता की बेटी
होकर लक्ष्मी जी भी संगीत में रुची रखती हैं। 2001 में पिता का स्वर्गवास हो जाने के बाद लक्ष्मी जी ने
कविता लिखना शुरु किया। उनका मानना है कि कवि एक बेहद संवेदनशील इन्सान होता हैं, वह दूसरों
की तकलीफ समझ सकता हैं, इसलिए वह उनके दुःख को शब्दों में पिरों सकता हैं।

हम मिलनसागर में उनकी रचनाएँ प्रकाशित करके बहुत आनंदित हैं।

लक्ष्मीजी से सम्पर्क - इ-मेल :
strawberry_laxmi@yahoo.co.in  

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के लिये बहुत ही मूल्यवान होगा, इस पते पर भेजिये -
srimilansengupta@yahoo.co.in      
लक्ष्मी पाल
जन्म  18. 02. 1986
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