मजदूरों चाहे तो अपना
इनक्वलाब ज़िन्दाबाद
मजदूरों चाहे तो अपना
मजदूरों चाहे तो अपना भाग बदल सकते हैं
मजदूरों चाहे तो फिर ये दुनिया बदल सकते हैं
इतनी हिम्मत है मजदूरों कि उठाओ नारा
इनक्वलाबी ज़िन्दाबाद---
एकसाथ जीना है तो एकसाथ रहना है
एक साथ रहना है तो एकसाथ लड़ना है
एकसाथ लड़के इस समाजको बदलना है
जागो मजदूर किसान एक हो---
एकसाथ उठा कदम आओ एकसाथ आगे बढ़े
एकसाथ दुषमनों से आ मुक़ाबला करें
हाथ में लो हथियार
साथीयों सब हो तैयार
चल आगे बढ़ा कदम
दुशमन हो जा होशियार---
वर्ग संघर्ष मे होगा आखरी ए फैसला
हम धूल में मिलायेंगे दुषमन का हौसला
वर्ग संघर्ष द्वारा प्रतिष्ठित होगी एक दिन
दुनिया मे साम्यवाद---साम्यवाद एक हो ||
. ************* . उपर
मिलनसागर
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वीर शहीदों मेरे दोस्तों
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वीर शहीदों मेरे दोस्तों
सब को मेरा सलाम
अमर हो तुम अमर प्रेमी
. जनका की प्यारे साथी
. सबको मेरा सलाम ।
कसम है ये धरती-माता
आखरी दम लड़ जाएंगे
. जनता की सेवा में अपनी
. जान दे देंगे
जो तुम्हारा खून गिरा है
वह खून को मेरा सलाम।
ये गुलस्ताँ है हमारा
हम न भूखे रहेंगे
ज़ूल्म शाही के राज हुकुमत
. हम बदलके रहेंगे
तुमने जो हमें राह दिखाया
वह पे चलते रहेंगे।।
. ************* . उपर
मिलनसागर
बदल डालो ये दुनिया
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बदल डालो ये दुनिया
अब ना रोना मरना है
देश हमारा भूखा प्यासा
ये आज़ादी झूठी है...।।
जाग उठो मजदूर किसानों
कमरबांध तैयार हो
अपनी दुशमन से है लड़ना
आम जनता एक हो
ये जीने की सवाल है
ये रोटी का सवाल है
अब अपना हक छीन लेना है।।
वक्त पुकारे मिलके आओ
कसम खाओ एक साथ
शोषण से मुक्ति के लिये
हम लड़ेंगे एक साथ
हम पीछे हट न आयेंगे
हम सब की राह आज एक है।।
. ************* . उपर
मिलनसागर
ओ साथीरे-हम मेहनतकश जनता है
ओ साथीरे---
हम मेहनतकश जनता है
हम एकता से जोरदार है
तुम कितने चलाओ गोली भी
. हम मौत से न डरते हैं।।
हम दुशमनों के आगे
. ये सर न झुकाएंगे
हम क्रान्तिकारी हैं जनता
. हम क्रान्ति से पीछे न हटेंगे
हम नहीं रुकेंगे नहीं झूकेंगे
. अधिकार छीनके रहेंगे।।
जब एक दिन हमें है मरना
. लड़कर क्यों न मर जाए
आज़ादी की नारा लगाओ
. आओ मुक्ति का गीत गाए
वह मौत होगी इतिहास में एक दिन
. भविष्य़ की अमर कहानी।।
हम एक शहीद हो जाएंगे
. और सौ सौ पैदा होंगे
लाल झंडा लेकर हाथों में
. हम आगे बड़ते चलेंगे
हम नई दिनों की नई जीवन की
. नये नये गीत गायेंगे।।
ऐ मजदूर उठ खड़ा हो
. अब कमरबांध तैयार हो
इस धरती से दुशमन को
. हमेशा के लिए मिटा दो
अंतीम युद्ध का नारा लगाओ साथी
. जियेंगे या तो मरेंगे।।
. ************* . उपर
मिलनसागर
वक्त ने पुकारा सबको
वक्त ने पुकारा सबको
जङ्ग ने पुकारा सबको
जाग उठो वतन के इनसान
टुटे फुटे गंदे ये समाज को
बदले हम बढ़ा कदम
आओ भूखे जनता आओ शोषित जनता
आज लड़के जीना है सबको।
नया दुनिया नया जिन्दगी का राज
हमे है बनाना आज
बदल करके ये समाज
वर्ग भेद भाव फिर मिटा रहेंगे हम
जूल्मों का ये राज चकना चूर करेंगे हम
राज होगी मजदूरों किसानों सबको।
शासकों के करना है
मुकाबला हमें
लढ़ाई करके करके जंग में विजय पाना है हमें।
आग बनके जल उठेंगे हर सरहद में
दुशमनों को हम जलाके राख बनायेंगे
राज होगी मेहनती आम जनताको।
. ************* . उपर
मिलनसागर
आज एक ऐसा राज लाना है
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आज एक ऐसा राज लाना है
शान्ति से हरा भरा रहेगा ये चमन, ये चमन
वक्त कल अपनी अदालत से फैसला देगा,
आज हो या कल धरती अपनी ही होगी।
इनक्वलाब ज़िन्दाबाद, ज़िन्दाबाद।
सुख दिन लाने के लिए जागा इनसान
दुख न पाएगा ऐसा उठा है तूफान,
मिलके आज उठा कदम
सुखी दिन लाएंगे हम, नारा ये उठा साथ
इनक्वलाब ज़िन्दाबाद, ज़िन्दाबाद।
आओ मिलजुलके ऐसा काम करें
दुनिया में अपना नाम रोशन करें
आज जो गिरा हुआ जुल्म से दबा हुआ
ये सभी आवाज़ क्रान्ति लाएगी,
इनक्वलाब ज़िन्दाबाद, ज़िन्दाबाद।
. ************* . उपर
मिलनसागर
मिलेरे मिले मिले मिलेरे मिले मिले
डाउनलोड करके गीत सुनिये
मिलेरे मिले मिले मिलेरे मिले मिले
मिले एक संग, गर हम मिले एक संग।
फिर न सही धरती रोशन पा सकती है
ग़ुलामी की जंजीरें टूट सकती है
उजड़ा संसार बसाया जा सकता है।
गर हम मिले एक संग, मिले एक संग।
मुर्झाई जीवन तले खिल सकती है
समता की पुकारनें फिर से ढूँढ सकती है
खुशियों कि रंग से मन को रंग सकती है
अपनी बाजुओं में शक्ति ला सकती है
गर हम मिले एक संग, मिले एक संग।
जब नीली गगन में बिजलियाँ चमकती है
चारों ओर काली घटा शोर मचाती है
हम क्यों न एक मन हो घटा बन जाए
दुनिया में एक बड़ा तुफान मचा दे
गर हम मिले एक संग, मिले एक संग।
आओ हम जलाएं अपनी जीवन दिया
अंधेरे से उजाला हो घर नया नया
आओ हम जलाए आज क्रान्ति की मशाल
तोड़ना है ये टेड़ा हुआ शोषण के जाल
गर हम मिले एक संग, मिले एक संग।
. ************* . उपर
मिलनसागर
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