মেরে লালা আজ ন যাইয়ো যমুনার পার ভণিতাহীন পদ কবি ঋতুপর্ণ ঘোষ শিল্পী - শুভমিতা ব্যানার্জী, সুরকার দেবজ্যোতি মিশ্র, ছবির পরিচালক - সঞ্জয় নাগ। কবি ছিলেন এই চলচিত্রে গীতিকার ও চিত্রনাট্যকার। ব্রজবুলিতে লেখা, ২০১০ সালে প্রকাশিত, ইংরেজী ভাষার ছায়াছবি “মেমোরীস ইন মার্চ” এর গান। গানটির কথা আমরা পেয়েছি হিন্দিগীতমালা.নেট থেকে . . . https://www.hindigeetmala.net/song/mere_lala_aaj_na_jaiyo_yamuna_re_par.htm গানটি ইউটিউবে দেখতে এখানে ক্লিক করুন . . . https://www.youtube.com/watch?v=BJAbrMRFNNA
मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार ब्रजबुलि में लिखा हुआ पद गीतकार - कवि ऋतुपर्णो घोष संगीतकार - देबज्य़ोति मिश्रा, फनकार - शुभमिता बैनर्जी, फिल्म का निर्देशक - संजय नाग। कवि इस फिलम के गीतकार तथा पटकथा लेखक भी थे। 2010 में रिलीज हुई अंरेजी फिल्म "मेमोरीज इन मार्च" के गीत। इस गीत के कथा हमें हिन्दीगीतमाला.नेट से मिली . . . https://www.hindigeetmala.net/song/mere_lala_aaj_na_jaiyo_yamuna_re_par.htm यह गीत युटिउब में देखने के लिये . . . https://www.youtube.com/watch?v=BJAbrMRFNNA
मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार सकरुण विनती सुन हो माता मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार
अथिर बिजुरिया गगन झम्पिया दश दिशा हइलो आँधार अथिर बिजुरिया गगन झम्पिया दश दिशा हइलो आँधार दश दिशा हइलो आँधार मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार
पवन भयंकर नदी जल थर थर गरजिछे बिसम आकार कान्हा मोरा मेरी मानो ना जईयो यमुनार पार पूरव झटिका मोहे चुप चुप बोल जाये बार बार सावधान करिछे हामाय एखन सावन दिने बाँधन शासन बिने तुम्हार लाला को रोको क्या कहूँ लाला कभु नाहि सुने बिनती हमार समझ ना पाये कभु लाला बिना कैसे जीना ना जईयो मोर कान्हा तोर बिना सूना संसार मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार मेरे लाला आज ना जईयो यमुनार पार
বহু মনোরথে সাজু অভিসারে পেহলু সুনীল বেশ ভণিতাহীন পদ কবি ঋতুপর্ণ ঘোষ ব্রজবুলিতে লেখা, ২০১০ সালে প্রকাশিত, ইংরেজী ভাষার ছায়াছবি “মেমোরীস ইন মার্চ” এর গান। শিল্পী - শুভমিতা ব্যানার্জী, সুরকার দেবজ্যোতি মিশ্র, ছবির পরিচালক - সঞ্জয় নাগ। কবি ছিলেন এই চলচিত্রে গীতিকার ও চিত্রনাট্যকার। গানটির কথা আমরা পেয়েছি দীপ্র চক্রবর্তীর ব্লগ থেকে . . . http://chakrabortydeepro.blogspot.com/2015/04/blog-post.html গানটি ইউটিউবে দেখতে . . . https://www.youtube.com/watch?v=xJtHtJFC9j4
बहु मनोरथे साजु अभिसारे पेहलु सुनील वेश ब्रजबुलि में लिखा हुआ पद गीतकार - कवि ऋतुपर्णो घोष संगीतकार - देबज्य़ोति मिश्रा, फनकार - शुभमिता बैनर्जी, फिल्म का निर्देशक - संजय नाग। कवि इस फिलम के गीतकार तथा पटकथा लेखक भी थे। 2010 में रिलीज हुई अंरेजी फिल्म "मेमोरीज इन मार्च" के गीत। इस गीत के कथा हमें दीप चक्रबर्ती के ब्लग् से मिली . . . http://chakrabortydeepro.blogspot.com/2015/04/blog-post.html यह गीत युटिउब में देखने के लिये . . . https://www.youtube.com/watch?v=BJAbrMRFNNA