कवि आलोक सिंह कुशवाहा -  उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पिपरा बघेल
नामक गाव के रहने वाले है। पिताजी साधारण किसान और माता जी गृहवधु हैं।

बचपन से ही इन्हे कविता और कोई मजेदार वाक्या लिखने का शौक कहिये या  हुनर,
रहा है। हाईस्कूल की परीक्षा फाजिलनगर कस्बे के पावानगर इण्टर कालेज से उत्तीर्ण
किया। आगे की पढाई के लिये ये गोरखपुर चले आये और इण्टर की पढाई गणित
विषय लेकर, गोरखपुर से पुरी की। इण्टर की परीक्षा उत्तीर्ण कर वह कानपुर चले आये
और यहाँ से वे इंन्जीनीरिंग के परीक्षाओ की तैयारी कर रहे थे, इस पेज का प्रकाशित
होने के समय पर।

इनका सपना एक इंन्जीनीयर और कवि बनना है।अपनी पहली कविता कक्षा चार मे ही
लिखकर इन्होंने अपने हुनर का प्रदर्शन किया था। इनका रूचि बचपन से ही कविता,
एकांकी, शायरी, और आलोचना लिखने मे रहा है। इनके कविता का क्षेत्र प्यार, दैनिक
कुरीतिया, समाजिक वेदना से सम्बन्धीत रहा है।

मिलनसागर में उनका कविता प्रकाशित करके हमें बहुत ही हर्ष एवं आनन्द प्राप्त हुआ है
और सिर्फ 17 साल के उम्र का इस नवीन कवि के आनेवाले दिनों के लिए रहा हमारे
बहुत सारे शुभकामनाए।

कवि से संपर्क
इमेल :  salok655@gmail.com    
चलभाष :   +918565006836               


मिलनसागर में कवि आलोक सिंह कुशवाहा का कविता का कविता का पन्ना . . .   

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srimilansengupta@yahoo.co.in    

इस पन्ना का पहला प्रकाशन - 26.11.2014
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