कवियत्री मीराबाई का भजन
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कवि
यत्री मीराबाई
का परिचिति . . .
1.
तुलसीदास को मीराबाई
का
पत्र
2.
मीराबाई के पत्र का जबाव तुलसीदास
से
3
मन रे पासि हरि के चरन
4.
आलि री मेरे नैना बान पड़ी
5.
मेरे तो गिरधर गोपाल
6.
पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे
7.
श्री गिरधर आगे नाचुंगी
8.
मैं तो गिरधर के घर जाऊं
9.
जोगी मत जा
10.
या मोहन के मैं रूप लुभानी
11.
चलो मन गंगा यमुना तीर
12.
मैंने राम रतन धन पायो
13.
मने चाकर राखो जी
14.
बसो मोरे नैनन में नन्दलाल
15.
दरस बिना दूखण लागे नैन
16.
मेरो मन रामहीं राम रटै रे
17.
मैं गौविन्द के गुण गाणा
18.
मैं गिरधर के रंग राती
19.
फागुन के दिन चार रे
20.
घिर आई री बदरिया सावन की
21.
कोई कहियो रे प्रभु आवन की
22.
प्यारे दरशन दीज्यो आय
23.
आली री मेरे नैणा बाण पड़ी
24.
करमगति टारे नाहीं टरे
25.
होरी खेलत हैं गिरधारी
26.
जागो बंसीवारे
27.
अरे राणा पहले क्यों न बरजी
28.
गोबिन्द कबहुं मिले पिया मोरा
मिलनसागर