कवयित्री पिंकि पुरकायस्थ चंद्रानी - का जन्म हुआ असम राज्य के सिलचर सहर
में, पर आजकल वह राजधानी दिल्ली की रहनेवाली हैं। उनके पिता श्री प्राणेश पुरकायस्थ,
माता श्रीमती स्मृति देवी और पति डॉ. पुलक दास हैं।   

चंद्रानी ने सन
2007 में गुरुचरण कॉलेज , सिलचर  से  नृतत्व ऑनर्स में प्रथम श्रेणी
में पहला स्थान अधिकार करते हुए बीएससी की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद सन
2009 में उन्होंने असम बिश्वविद्यालय से पर्यावरण बिज्ञान में प्रथम श्रेणी में एमएससी
और सन
2014 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त कि।

चंद्रानी एक नृत्यांगना भी हैं , उन्होंने कत्थक और रविन्द्रनृत्य की शिक्षा जाने-माने गुरुओं
से ली है और रविन्द्र नृत्य में संगीत रत्न की उपाधि प्राप्त कि है।

आजकल वह एक ई-जर्नल
IJENAS में Managing Editor और युवादर्पण नाम की
एक साप्ताहिक पत्रिका में
Sub-Editor के तौर पर काम कर रही है। वह बांग्ला और
हिंदी दोनों भाषाओं में कविताएँ लिखती है और उनका मानना हैं कविताएँ जीवन का
दर्पण होती हैं।

सन
1996 में पहली बार जब उनकी कविता स्कुल मैगज़ीन में प्रकाशित हुई , तब वह
पाँचवी कक्षा की छात्रा थीं।  उनकी कविताएँ देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित
हुई है। उनके हिंदी कवितायों का पहला  संकलन "लम्हें" सितंबर
26, 2012 में Scribd
द्वारा प्रकाशित हुआ, जिसकी कुछ कविताएँ हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि श्री राजेन्द्र स्वर्णकार
जी द्वारा  प्रशंसित  हुईं है।

मिलनसागर में उनका कविता प्रकाशित करके हमें बहुत ही हर्ष एवं आनन्द प्राप्त हो रहा है।

कवियत्री से संपर्क
उनका इमेल : pinkilovesnature@yahoo.in     
उनका फेसबुक :
https://www.facebook.com/purkayasthapinki
उनके ब्लॉग्स : http://fantasyworld-dreams.blogspot.in/


मिलनसागर में पिंकि पुरकायस्थ चंद्रानी का कविता का पन्ना . . .   

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srimilansengupta@yahoo.co.in    

इस पन्ना का पहला प्रकाशन - 26.11.2014
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