कवि साहिर लुधियानवी का गीत
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अपने अंदर ज़रा झांक मेरे वतन
गीतकार – साहिर लुधियानवी
अपने अंदर ज़रा झांक मेरे वतन
अपने ऐबों को मत ढांक मेरे वतन
तेरा इतिहास है ख़ून में लिथड़ा हुआ
अश्कों ने जो पाया है वो गीतों में दिया है
गीतकार – साहिर लुधियानवी
फिल्म - चांदी की दीवार
अश्कों ने जो पाया है वो गीतों में दिया है
इस पर भी सुना है कि ज़माने को गिला है
अश्कों ने जो पाया है वो गीतों में दिया है
अपनी दुनिया पे सदियों से छाई हुई
गीतकार – साहिर लुधियानवी
अपनी दुनिया पे सदियों से छाई हुई
ज़ुल्म और लूट की संगदिल रात है
यह न समझो कि यह आज की बात है
जब से धरती बनी जब से दुनिया बसी
आँख खुलते ही तुम, छुप गए हो कहां
गीतकार – साहिर लुधियानवी
फिल्म - मुनीमजी
आँख खुलते ही तुम, छुप गए हो कहां
तुम अभी थे, यहां, तुम अभी थे यहां
आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार
गीतकार – साहिर लुधियानवी
फिल्म - नील कमल
आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार
आजा, मैं तो मिटा हूम तेरी चाह में
तुझको पुकारे मेरा प्यार...
आना है तो राह में कुछ देर नहीं है
गीतकार – साहिर लुधियानवी
फिल्म - नया दौर
आना है तो राह में कुछ देर नहीं है
भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है
आसमां पे है ख़ुदा और ज़मीं पे हम
गीतकार – साहिर लुधियानवी
फिल्म - फिर सुबह होगी
आसमां पे है ख़ुदा और ज़मीं पे हम
आजकल वो इस तरफ, देखता है कम
आज की रात नहीं शिक्वे-शिकायत के लिए
गीतकार – साहिर लुधियानवी
फिल्म - धर्मपुत्र
आज की रात नहीं शिक्वे-शिकायत के लिए
आज हर लमहा, हर पल है मुहब्बत के लिए
रेशमी सेज है, महकी हुई तनहाई है
आज की रात मुरादों की बारात आई है...
आप आए तो ख़याले दिले नाशाद आया
गीतकार – साहिर लुधियानवी
फिल्म - गुमराह
आप आए तो ख़याले दिले नाशाद आया
कितने भूले हुए ज़ख़्मों का पता याद आया
मेहरबां कैसे कैसे क़दरदां कैसे कैसे
गीतकार – साहिर लुधियानवी
मेहरबां कैसे कैसे क़दरदां कैसे कैसे
आज महफ़िल में आए हुए हैं